Interesting facts about Google

Interesting facts about Google (in Hindi)
गूगल के बारे में रोचक तथ्य




Google


इंटरनेट की दुनिया से जुड़े लोगों से यह पूछना कि आप गूगल के बारे में जानते है, बेमानी सवाल होगा.
1998 में शुरू यह सर्च इंजन जल्द ही लोगों की daily life का हिस्सा बन गया.
लोग अक्सर पूछते हैं कि गूगल सर्च इंजन होने के क्या मायने हैं, इसका पहला जवाब होता है भरोसा.
 इंटरनेट पर किसी को कुछ भी चाहिए, उसका पहली शुरूआत गूगल homepage से ही होती है.
गूगल ने इंटरनेट सर्चिंग को आसान बनाया है.
सर्च इंजन ज्यादा user friendly हुआ है.
Youtube से Gmail तक और एंड्रोइड से लेकर गूगल अर्थ तक हर जगह पूरी दुनिया गूगलमय हो गई है.
आइए जानते हैं गूगल के बारे में कुछ रोचक बातें.

गुगल एक सैकेंड में लगभग 35,700 रूपए कमाता है.

अगर आपको कोई चीज को सर्च करना हो तो हम कहते हैं गूगल पर सर्च करो न कि इंटरनेट पर.
इस बात मतलब यह कि आज गूगल इंटरनेट का पर्याय बन चुका है.
इस कंपनी की शुरुआत 1995 में हुई थी.
 गूगल को गूगल बनाने वाले लैरी पेज और सर्जे ब्रिन 1995 में पहली स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में मिले.
साल 1996 में उन्होंने पहला सर्च इंजन 'बेकरब' बनाया. Domain register करने के वक्त इसे गूगल नाम दिया. दरअसल 'गूगल' असल में गोगल की गलत स्पेंलिंग है.
 गूगल एक बहुत बड़ी संख्या है, जिसमें 1 से लेकर 100 शून्य लगते हैं.
गूगल इंक आधिकारिक रूप से 1998 में दर्ज कर ली गई.
उस समय दुनिया की बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में एक 'सन' ने एक लाख dollar के बदले कंपनी खरीदने की कोशिश की थी.
वह भी ऐसे समय में, जब गूगल का कोई अस्तित्व नहीं था.

1998 में पहली बार गूगल डूडल दर्शकों को homepage पर दिखाई दिया.
इसमें नेवाडा में Burning festivel में भाग ले रहे लोगों के बारे में था.
गूगल में डूडल की बहुत बड़ी टीम काम करती है, जो अभी तक एक हजार से ज्यादा डूडल post कर चुकी है. डूडल एक खास तरह का लोगो होता है, जो गूगल पर किसी भी खास दिन या किसी बड़े व्यक्ति की याद पर लगाया जाता है.
जब दिवाली का त्योहार होता है तो पटाखे वाला डूडल दिखाया जाता है.नीचे वही दिखाया गया है.



2000 में गूगल ने adword की शुरुआत की.
यह self service program है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति online कैम्पेन चला सकता है.
आज के विज्ञापन संबंधी समाधान, जैसे display, mobile, video और simple text की शुरुआत एक दशक पहले हो चुकी थी.
इस service ने हजारों व्यापार फर्म्स को फायदा पहुंचाया.

2004 में अप्रैल फूल यानी एक अप्रैल के दिन गूगल ने Gmail शुरू किया. सबसे ज्यादा Storage, तेजी से मेल सेंड करने की क्षमता ने लोगों के बीच इसे लोकप्रिय बना दिया.

शुरुआत में इसे Gmail account बनाने के लिए इसका आमंत्रण होना बहुत जरुरी होता था.
बाद में popular होने के बाद यह सबके लिए free कर दिया गया.

2004 में ही गूगल ने digital mapping कंपनी कीहोल को अधिग्रहण कर लिया और 2005 में google map और गूगल अर्थ जैसी नई एप्लीकेशन लांच की. इसमें ऐसे फीचर हैं, जो पलभर पूरी दुनिया का नाप दें.
वही अब इसकी पहुंच चाँद तक है.

गूगल की Gphone लाने को लेकर बहुत सारे कयास लगाए जा रहे थे.
बाद में कंपनी मोबाइल फोन के लिए एंड्रोएड प्लेटफॉर्म लेकर आई.
यह आज सभी फोन users की जरूरत बन गया है.

गूगल का सर्च इंजन 100 मिलियन गीगाबाइट का हे ! उतना डाटा अपने पास सेव करने के लिए एक टेराबाइट की एक लाख ड्राइव की जरुरत होगी !


Google Home Page


गूगल का home पेज इतना खाली इसलिए लगता हे क्योकि सर्ग़ेई ब्रिन और लेरी पेज को html का ज्ञान नहीं था ! जिस से वे इसे भव्य बना पाते ! बहुत समय तक तो इस पर सबमिट बटन भी नहीं था, रिटर्न की को हिट करके ही टेग सर्च किये जाते थे !

गूगल ने अपने स्ट्रीट व्यू मेप के लिए 80 लाख 46 हजार की.मी. सड़क के बराबर फोटोग्राफ लिए हे !

दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण कम्पनी की वेबसाइट के कोड में 23 मार्कअप एरर हे !

2011 में गूगल का 96 फीसदी रेवेन्यु जो की 37.9 अरब डॉलर था ! वह सिर्फ विज्ञापन से आया था !

गूगल कोई भी उत्पाद लाता था और वह कुछ दिनों में हिट भी हो जाता है.
2 सितम्बर 2008 में New open sorce web browser लांच किया गया है, जिसका नाम था गूगल क्रोम था, इसके आने के बाद इंटरनेट users को एक नया एहसास मिला.
नीचे वही दिखाया गया है.


2006 में गूगल ने ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग साइट Youtube खरीद ली.


  Youtube पर हर मिनट के हिसाब से 60 घंटे तक वीडियो upload किए जाते हैं.
वहीं दुनिया भर लाखों चैनल पर आने वाले programe इस पर upload होते हैं, इस तरह की चीज ने दुनिया को और पास लाकर खड़ा कर दिया.


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