Free Offline Call Kese Kare ?

अपने दोस्त से फ्री कॉल कैसे करे ?

आपने बहुत सारे apps डाउनलोड किये होंगे जो फ्री कॉल करने  का ऑफर देते है पर जब उनको डाउनलोड करते है तो कुछ नही होता ।
या तो वो virus होते है या फिर वो आपसे आपकी id पूछता है । इन apps को कभी डाउनलोडनही करना चाहिए ।
अब सवाल ये होता है कि फ्री कॉल कैसे करे ?
तो ज्यादा परेशान होने कि जरूरत नही है आज हम आपको इसी पोस्ट मे बताएंगे कि फ्री कॉल कैसे कि जाती है और वो भी ऑफलाइन  मतलब बिना इन्टरनेट और apps के ।
सबसे पहले  आप अपने फ़ोन से 180020802080 डायल करे ।
डायल होने के बाद कॉल अपने आप disconnect हो जाएगी और कुछ देर बाद आपको एक कॉल आएगी । कॉल को रिसीव कर ले । रिसीव  करने के बाद आपको आपसे आपका नाम बताए । नाम बताने के बाद वो आपसे आपके दोस्त का मोबाइल नंबर पूछेगा । नंबर  बताने के बाद आपके दोस्त को एक काल आएगी जिससे आप दोनों बात कर सकते हो ।

नोट :- जब आप अपने दोस्त का नंबर बताने के बाद आपको कुछ देर इंतजार करना पड़ेगा और जब आपका दोस्त कॉल रिसीव करेगा तो बी कुछ देर इंतजार करना पड़ेगा ।
यह कॉल आप सिर्फ 2 मिनट के लिए होगी ।

try now !
पोस्ट कैसी लगी कृपया कमेंट करके बताए और कुछ पूछना हो तो पुच सकते हो
धन्यवाद ।
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Amazing Facts About Amazon Rain Forest

Amazon Rain Forest:-

क्या आप जानते हो कि दुनिया का सबसे बड़ा जंगल कौन-सा है  ?
अगर नही जानते तो कोई बात नही, हम आज इसी पोस्ट मे बताएंगे कि  दुनिया का सबसे बड़ा जंगल कौन-सा है.

Amazon

अमेज़न रेन फ़ॉरेस्ट दुनिया का सबसे बड़ा जंगल है जो दक्षिण अमेरिका में है,
चलिए जानते है इसके बारे मे कुछ अमेजिंग फैक्ट्स (Amazing Facts ) बताते है :-


1. अमेज़न रेन फ़ॉरेस्ट 55 लाख वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र मे फैला है यानि अपने भारत देश के आकर से लगभग डेढ़ दूना अधिक बड़ा है ये जंगल .

2. यह दक्षिण अमेरिका महादेश के उतरी क्षेत्र मे फैला है. इसके चारो ओर 9 देश हैं . इनमे ब्राज़ील, बोलीविया, पेरू, इक्वाडोर, कोलम्बिया, बेनेजुएला, गयाना, सूरीनाम फ्रेंच गयाना शामिल है .
3. अनुमान लगाया जाता है कि अमेज़न रेन फ़ॉरेस्ट  5 करोड़ 50 लाख साल पुराना है, इसमें आदिवासी लोग 11,200 सालो से रह रहे हैं.
4. अमेज़न रेन फ़ॉरेस्ट मे बहने वाली नदी "अमेज़न नदी" दुनिया कि दूसरी लम्बी नदी है जिसकी लम्बाई लगभग 6400 किलोमीटर है. और हां इस नदी पर एक बी पुल नही है.
5. पर्यावरण कि दृष्टि से यह जंगल काफी महत्वपूर्ण है क्योकि इसमें 40 हजार के पोधे, 25 लाख तरह के कीड़े मकोड़े और  1300 तरह के पक्षी पाए जाते है.
6. इन जंगल के ऊँचे-ऊँचे पेड़ो की पत्तियों की वजह से एक ऐसी छतरी बन जाती है जिससे वहा कि जमींन में अन्धेरा रहता है.
7. अमेज़न को धरती के लंग्स यानि फेफड़े भी कहते है क्योकि यह जंगल अकेले धरती के लिए जरूरी कुल ऑक्सीजन का 20% हिस्सा निर्माण करता हैं.
तो कैसी लगी हमारी यह पोस्ट, कमेंट करके जरुर बताए. अगर कोई मिस्टेक हो गयी हो तो भी निसंकोच बताए.
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Amazing Fact Abot Elephant In HIndi

Amazing Facts of Elephants in hindi

हाथीओं के बारे में रोचक तथ्य


हाथी स्थल प्राणीयों में सबसे बड़ा प्राणी है. वर्तमान समय में हाथिओं की केवल दो प्रजातियां जीवित है : ऍलिफ़्स तथा लॉक्सोडॉण्टा. इनके इलावा एक ओर भी प्रजाति मॅमथस थी जो कि अब विलुप्त हो चुकी हैं. ऍलिफ्स प्रजाति अफरीका में पाई जाती हैं और लॉक्सोडॉण्टा भारत में. शिर्फ यह सबसे बड़ा प्राणी ही नही है ब्लिक इसकी और भी कई विचित्र विशेषताएँ हैं जो हम आप को इस पोस्ट में बताते हैं-

1.हाथी लेट कर नही ब्लकि खड़े होकर ही सोते हैं.
2.हाथीयों में यौवन अवस्था आमतौर पर 13 जा 14 साल की आयु में आ जाती है.
3.एक हाथी पानी की गंध को 4.5 किलोमीटर की दुरी से सूंघ सकता है.
4.हाथी दिन में बहुत कम सोते हैं. बस ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे.
5.हाथी एक एकलौता जानवर है जो कि कूद नही सकता और जिसके चार घुटने होते है.
6.हर हाथी की गरज़ भी हम मनुष्यों की आवाज की तरह भिन्न होती है.
7.हाथी कभी भी आपस में नही लड़ते.अगर किसी हाथी को कोई चोट लगती है तो दुसरा हाथी उसकी सहायता जरूर करता है.
8.अगर किसी झुंड का एक हाथी मर जाए तो सारा झुंड अजीब-अजीब तरह से गरज़ कर शौक मनाता है.
9.हाथी साफ सुथरा रहना पसंद करते हैं और हर रोज नहाते हैं.
10.हाथी अपनी सूँढ से एक फर्स पर गिरा छोटा सा सिक्का भी उठा सकते हैं.
11.अब तक दुनिया में प्राप्त हुए भिन्न जीवाश्मों से पता चला है कि आज से 5 करोड़ साल पहले हाथियों की करीब 170 प्रजातीयां विकसित थी.यह जीवाश्म ऑस्ट्रेलीया और अंर्टाकटिका को छोड़ सभी महाद्वीपों में पाए गए हैं.
12.मादा हाथी हर 4 साल में एक बच्चे को जरूर जन्म देती है. इसका गर्भकाल औसतन 22 महीने तक का होता है. 1 प्रतीशत मामलों में जुडवा बच्चे जन्म लेते हैं. नव जन्में हाथी की लंम्बाई लगभग 83 सेंटीमीटर और वजन 112 किलो तक का होता है.
13.अफरीकी मादा हाथियों का गर्भकाल 22 महीने का होता है.
14.इतने बड़े कान होने के बाद बावजूद भी हाथी की सुनने की समता कम होती है.
15.अफरीकन हाथीयों के कान भारतीय हाथियों से बड़े होते हैं.
16.जवान अफरीकन हाथी की लंम्बाई 13 फीट तक बढ़ जाती है और भारतीय हाथीयों की 10 फीट.
17.जवान अफरीकन हाथी का वजन लगभग 6,160 किलोग्राम तक होता है और भारतीय हाथीयों का 5000 किलोग्राम तक.
18.हाथीयों का जीवन काल औसतन हम मनुष्यों की तरह 70 साल तक का ही होता है.
19.हाथी आमतौर पर 6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से चलते हैं.
20.हाथी लंम्बे समय तक पानी में तैर सकते हैं.
21.हाथी दिन के 16 घंटे सिर्फ खाने में ही बिता देते हैं.
22.हाथी लगभग एक दिन में 120 किलो तक भोजन खा जाते हैं.
23.मादा हाथी बहुत बड़े झुंड़ो में रहते हैं जिन का नेतृत्व एक बुढ़ी मादा हाथी करती है.
24.नर हाथी 12 से 15 साल की आयु के बीच झुंड़ छोड़ देते हैं.
25.जानवरों में हाथीओं का दिमाग सबसे बड़ा होता है.
26.एक हाथी का बच्चा अकसर आराम के लिए अपनी सूँड चुसता है.
27.हाथी भी मनुष्यों की तरह Right जा left handed होते हैं.
28.एक हाथी की चमडी लगभग एक इंच तक मोटी होती हैं.
29.हाथी की सुँड ऊपरी होंठ और नाक से जुड़ी होती है.
30.हाथी के दाँत उसके जीवन काल के दौरान बढ़ते रहते हैं.
31.हाथी अपने पैरों का उपयोग सुनने के लिए भी करते हैं. जब हाथी चलते हैं तो जमीन में एक विशेष प्रकार का कंपन पैदा होता है. इस कंपन से हाथी दुसरे हाथियों के बारे में जान लेते हैं.

अगर आपको यह पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके हमे जरुर बताएं.
अगर पोस्ट में कुछ गलत हो या कुछ लिखना भूल गया हूँ तो निसंदेह हमे कमेंट के द्वारा बताए.
आपका बहूत बहुत धन्यवाद.
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Tim Berners-Lee

Tim Berners-Lee

आप हर रोज इन्टरनेट चलते समय जिस www का इस्तेमाल करते हो, आपको पता है क्या कि
इस www का Founder कौन है, मतलब इसको किसने बनाया था.

शायद नही जानते होंगे, आज हम आपको www के फाउंडर के बारे में बताएंगे.
www के फाउंडर टीम बेर्नेर्स ली (Tim Berners-lee).

चलो पढते है उनके बारे में कुछ रोचक बातें.


  • टिम बरनर्स् ली का जन्म 8 जून, 1955 को इंगलैंड में हुआ था । माता पिता दोनो गणितज्ञ थे ।  कहा जाता है कि उन्होने टिम को गणित हर जगह, यहां तक कि खाने की मेज पर भी बतायी ।
  • सर टिम बर्नर्स ली ने 10 साल पहले इंटरनेट पर अलग-अलग वेबसाइटों को देखने की सुविधा निकाली जिसके कारण वेब जगत में उन्हें “वेब पितामह” कहा जाता है । 

  • टिम ने अपनी उच्च शिक्षा क्वीनस् कॉलेज, औक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पूरी की। विश्वविद्यालय में उन्हें अपने मित्र के साथ हैकिंग करते हुऐ पकड़ लिया गया था । इसलिये उन्हें विश्वविद्यालय कंप्यूटर का प्रयोग करने से मना कर दिया गया । 

  • 1976 में, उन्होने विश्विद्यालय से भौतिक शास्त्र में डिग्री प्राप्त की ।

  • टिम 1984 से सर्न (en:CERN) [यूरोपियन देशों की नाभकीय प्रयोगशाला] में फेलो के रूप में काम करने लग गये । वहां हर तरह के कंप्यूटर थे जिन पर अलग अलग के फॉरमैट पर सूचना रखी जाती थी । 
  • टिम का मुख्य काम था कि वे सूचनाये एक कंप्यूटर से दूसरे पर आसानी से जा सकें । उन्हे लगा कि क्या कोई तरीका हो सकता है कि इन सब सुचनाओं को इस तरह से पिरोया जाय कि ऐसा लगे कि वे एक जगह ही हैं । 

  • बस इसी का हल सोचते सोचते, उन्होने वेब तकनीक का अविष्कार किया और दुनिया का पहला वेब पेज 6 अगस्त, 1991 को सर्न में बना। निहःसन्देह यह तकनीक, 21वीं शताब्दी की सबसे लोकप्रिय संपर्क साधन है ।

  • टिम, बाद में अमेरिका चले गये । 1994 में उन्होने, मैसाचुसेटस् इंस्टिट्युट ऑफ टेकनॉलोजी में विश्व व्यापी वेब संघ (W3C 1st website ) की स्थापना की। यह वेब के मानकीकरण में कार्यरत है ।
  • टिम बरनर्स् ली को, 2001 में, रॉयल सोसायटी का सदस्य बनाया गया । 

  • 2004 में नाईटहुड की उपाधि दी गयी थी । 1
  • 3 जून 2007 को, ऑर्डर ऑफ मेरिट, इंगलैंड के सबसे महत्वपूर्ण सम्मान से सम्मानित किया गया । यह सम्मान महारानी द्वारा कला, विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिये दिया जाता है । 
  • इसी लिये टाइम पत्रिका ने उन्हें, 20वीं शताब्दी के 100 महान वैज्ञानिकों और विचारकों में चुना है ।

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Subhas Chandra Bose


आजाद हिंद फौज का गठन करके अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले फ्रीडम फाइटर सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उ़डीसा के कटक शहर में हुआ था।

सुभाष चन्द्र बोस अपनी माता-पिता की 14 सन्तानों में से नौवीं सन्तान थे।

सुभाषचंद्र बोस ने भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम के सेनानी भगत सिंह की फांसी रुकवाने का भरसक प्रयत्‍न किया।
उन्‍होंने गांधी जी से कहा कि वह अंग्रेजों से किया अपना वादा तोड़ दें लेकिन वह भगत सिंह को बचाने में नाकाम रहे।

उनके पिता की इच्छा थी कि सुभाष आई.सी.एस. बनें। उन्होंने अपने पिता की यह इच्छा पूरी की।
 1920 की आई.सी.एस. परीक्षा में उन्होंने चौथा स्थान पाया मगर सुभाष का मन अंग्रेजों के अधीन काम करने का नहीं था। 22 अप्रैल 1921 को उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया।

सन् 1933 में उन्हें देश निकाला दे दिया। 1934 में पिताजी की मृत्यु पर तथा 1936 में काँग्रेस के (लखनऊ) अधिवेशन में भाग लेने के लिए सुभाष चन्द्र बोस दो बार भारत आए, मगर दोनों ही बार ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर वापस देश से बाहर भेज दिया।

सबसे पहले गाँधीजी को राष्ट्रपिता कह कर सुभाष चंद्र बोस ने ही संबोधित किया था।

सन् 1938 में सुभाष चन्द्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष हुए। गांधी जी तथा उनके सहयोगियों के व्यवहार से दुःखी होकर अन्ततः सुभाष चन्द्र बोस ने 29 अप्रैल, 1939 को कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया।

 
चित्र : हरिपुरा कांग्रेस अधिवेशन में (सन् 1938) महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, सरदार बल्लभ भाई पटेल और पीछे राजेंद्र प्रसाद जी

एक समय ऐसा था जब लौह पुरुष सरदार पटेल ने सुभाषचंद्र बोस के खिलाफ मामूली संपत्ति के लिए मुकदमा किया था, जबकि सच्‍चाई यह थी कि वह केवल गांधी के सम्‍मान में सुभाष को नीचा दिखाना चाहते थे।

अपने जीवनकाल में नेताजी को कुल 11 बार कारावास की सजा काटनी पड़ी।
आखिरी बार 1941 को उन्‍हें कलकत्ता कोर्ट में पेश होना था लेकिन नेताजी अपने घर से भागकर जर्मनी चले गए और हिटलर से मुलाकात की।

सुभाषचंद्र बोस जी को नेताजी कहने वाला पहला शख्स एडोल्फ हिटलर ही था।

सुभाषचंद्र बोस 1934 में अपना इलाज करवाने आस्‍ट्रि‍या गए थे जहां उनकी मुलाकात एक एमिली शेंकल नाम की टाइपिस्‍ट महिला से हुई।
 नेताजी इस महिला से अपनी किताब टाइप करवाने के लिए मिले थे, इसके बाद नेताजी  ने 1942 में इस महिला से शादी कर ली।

नेताजी ने दुनिया की पहली महिला फौज का गठन किया था।

नेताजी की मौत के संबंध में अब तक मिले साक्ष्‍यों के आधार पर नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को ताइहोकू एयरपोर्ट पर उनके विमान के क्रेश होने से हुई थी। हालांकि इस बारे में पुख्‍ता जानकारी अभी तक आम लोगों के लिए जारी नहीं की गई है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस को 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया लेकिन ये बाद में वापिस ले लिया।

यह बात शायद बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि नेताजी की अस्थियांजापान के रैंकोजी मंदिर में एक पुजारी ने आज भी संभाल कर रखी हुई हैं।

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